क्या हवाओं का रुख है परों से पूछिये
कैसे लोग हैं यहाँ पर घरों से पूछिये
मेरी ज़िन्दगी में कितनी तनहाइयाँ हैं
मेरे आंसुओं में डूबे दरों से पूछिये
आप हो मेहमान या अजनबी मेरे लिए
इन दीवारों और इन दरों से पूछिये
खुदा का दर हैया कि मायूसियों का बोझ
पूछना है तो इन झुके सरों से पूछिये
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